दुख संग म मोर गजब यारी हे
दरद म हांसे के बीमारी हे!
कहां सकबो नगदी मोलियाय
तरी उपर सांस घलो उधारी हे!
आंसू म धोआगे मन के मइल
काकरो बर बैर न लबारी हे !
रोना ल गाना बना दंव मय हर
पा जांव हुनर के बस तय्यारी हे !
जे दिन कलेचुप देखबे मोर ओंट
जान उही दिन खुशी मोर दुवारी हे!
ललित नागेश
बहेराभाठा (छुरा) 493996
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