ललित नागेश के गज़ल

दुख संग म मोर गजब यारी हे
दरद म हांसे के बीमारी हे!

कहां सकबो नगदी मोलियाय
तरी उपर सांस घलो उधारी हे!

आंसू म धोआगे मन के मइल
काकरो बर बैर न लबारी हे !

रोना ल गाना बना दंव मय हर
पा जांव हुनर के बस तय्यारी हे !

जे दिन कलेचुप देखबे मोर ओंट
जान उही दिन खुशी मोर दुवारी हे!

ललित नागेश
बहेराभाठा (छुरा) 493996
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